The best Side of फिटकरी के फायदे को जाना नाही



वसंत पंचमी का महत्व : विद्या की देवी सरस्वती से लीजिए शांत और पवित्र मन की प्रेरणा

पोटेशियम एल्म का प्रयोग प्राचीन काल से ही दूधिया तरल के शद्धिकरण के लिए किया जाता रहा है। इसका आज भी पीने के पानी या पेयजल तथा औद्योगिक प्रक्रिया से उत्पन्न जल, अपशिष्ट जल, झीलों आदि के जल के शुद्धिकरण हेतु उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग जल में उपस्थित अवक्षिप्त संदूषकों के उपचार के लिए किया जाता है।

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एक स्वस्थ जीवनशैली के लिए जरूरी है कि आप भरपूर मात्रा में पानी पिएं। रोजाना आठ से दस गिलास पानी आपको तंदुरुस्त बना सकता है। हम उम्मीद करते हैं कि इस लेख में बताए पानी के फायदे आपको अच्छी तरह समझ आ गए होंगे। इसलिए, अगर आप भरपूर मात्रा में पानी नहीं पीते, तो आज से पीना शुरू कर दें और यह लेख उन सभी परिचित लोगों के साथ शेयर करें, जो ठीक से पानी नहीं पीते, ताकि उन्हें भी पानी का महत्व समझ आए।

एग्जिमा और सोराइसिस से बचाव के लिए आपको दिनभर में भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए। इसके अलावा, गर्म पानी से नहाने से भी इस समस्या से राहत मिलती है।

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It's also possible to come up with a paste of phitkari, rock salt, and cinnamon powder to massage in to the gums and tooth. This tends to help address bleeding gums and dental cavities. It is possible to learn more about household cures for gum bleeding condition. 

बालों में तेल कैसे, कब, कितन... संपादकीय विभाग

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उ. आयुर्वेद के अनुसार फिटकरी इस समस्या के उपचार में बेहतर मदद कर सकती है। इसे प्रभावित भाग या फटी एड़ियों पर इस्तेमाल करने से आराम मिलता है। यह एड़ी की दरारों को भरने में भी असरकारक सिद्ध होती है,क्योंकि इसमें कसाय या click here स्तम्मक तथा रक्त स्तंभक गुण मौजूद पाए जाते हैं।

साफ किए जाने वाले तीन लीटर पानी को एक बर्तन में डाल लें।

सुबह गर्म पानी में शहद डालकर पीने के फायदे

भारतवर्ष में जहाँ प्राचीनकाल से ही नारी को पूजने की परंपरा बलवती रही, वहीं मध्यकाल व आधुनिक काल में विदेशी आक्रांताओं के चलते धीरे-धीरे जो परिवर्तन आए वो नारी जाति पर बंदिशों के साथ उत्पीड़न बन गए। क्योंकि कई कुप्रथाएं बलवती हुई। नारी जाति को कुप्रथाओं के नाम पर उन असमानता के गहन दल-दल में धकेल दिया गया, जिनका प्राचीनकाल में कभी कहीं उल्लेख तक नहीं मिलता। जीवन में ऋतुराज वसंत जैसे संतुलित रहें, रमणीय और कमनीय...

इसके लिए आपको इसे अपने त्वचा पर सिर्फ लगाना है, और मसलना नहीं है।

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